कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से नीचे
श्रीनगर । कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान लगातार हिमांक बिंदु से नीचे बना हुआ है जबकि जम्मू में बादलों की पतली धुंध के बीच से सर्दियों का कमज़ोर सूरज निकल आया है।
घाटी में शीत लहर की स्थिति बनी हुई है क्योंकि मौसम विभाग ने 21 दिसंबर तक मौसम के ठंडा और शुष्क रहने तथा 21 दिसंबर की शाम से 22 दिसंबर की सुबह के बीच ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है।
इसी बीच श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.4, गुलमर्ग में शून्य से नीचे 4 और पहलगाम में शून्य से नीचे 5 दर्ज किया गया। जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 5, कटरा में 6.9, बटोत में 4.5, बनिहाल में 1 और भद्रवाह में 3.9 दर्ज किया गया।
कश्मीर घाटी में सुबह की अत्यधिक ठंड के कारण लोग सुबह घरों के अंदर ही रहना पसंद करते हैं और बर्फीली हवा के कारण शाम को जल्दी घर जाने की कोशिश करते हैं। कड़ाके की ठंड की 40 दिन की अवधि जिसे स्थानीय रूप से चिल्लई कलां कहा जाता है 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी को समाप्त होगी। इस अवधि के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर कम हो जाता है जिससे ठंड का असर और बढ़ जाता है।
कश्मीरी लोग शरद ऋतु के दौरान बैंगन, टमाटर और कद्दू जैसी सूखी सब्जियाँ जमा करके रखते हैं ताकि उन्हें सर्दी के महीनों में इस्तेमाल किया जा सके। कश्मीर घाटी के स्थानीय लोगों द्वारा फेरन नामक एक ढीला ओवरगारमेंट पहना जाता है जिसके नीचे वे कांगड़ी नामक विलो विकर टोकरी में बुनी हुई मिट्टी की आग रखते हैं। जिससे वह इस भीषण सर्दी से अपने आप को बचा पाते हैं।
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