बांग्लादेशी सेना अधिकारी से की मुलाकात, भारत के लिए मायने क्या?
नई दिल्ली । पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ मलिक बुधवार को ढाका पहुंचे। दुबई से ढाका पहुंचे आईएसआई प्रमुख का स्वागत बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने किया। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के किसी भी शीर्ष अधिकारी की दशकों बाद पहली ढाका यात्रा है।
आईएसआई चीफ के दौरे के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश के हाई रैंकिंग सैन्य अधिकारी जनरल एसएम कमरुल हसन 14 जनवरी को पाकिस्तान गए थे। कमरुल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी।
कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच कुछ रक्षा समझौता हो सकता है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां जियो पॉलिटिक्स में बदलाव के संकेत दे रही हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का रुझान साफतौर पर दिख रहा है, जो भारत के लिए भी चिंता का कारण है।
पाकिस्तान पहले से ही देश के पश्चिम बॉर्डर पर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। वहीं, पूर्वोत्तर बॉर्डर पर अवैध घुसपैठ की समस्या रहती है। हालांकि, बांग्लादेश में जब शेख हसीना के नेतृत्व वाली 'बांग्लादेशी आवामी लीग' सरकार थी, तब तक अवैध घुसपैठ को लेकर भारत की मुश्किल ज्यादा नहीं थी। लेकिन तख्तापलट के बाद यूनुस सरकार के आते ही दोनों देशों के बीच संबंध में कड़वाहट बढ़ती जा रही है।
हाल ही में रोहिंग्या घुसपैठ को लेकर जिस तरह से भारत ने अपना रवैया अख्तियार किया है, उसने बांग्लादेश की चिंता बढ़ा दी है। भारत की बाड़ेबंदी पड़ोसी मुल्क को इतनी नागवार गुजरी कि उसने भारत के दूत को तलब तक कर लिया। अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत की ओर से उठाए जा रहे कदमों को बांग्लादेश 1975 के बॉर्डर समझौते का उल्लंघन बता रहा है।
ऐसे हालातों के बीच पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती करीबी भारत को परेशान करने के मकसद से उठाया गया कदम हो सकती है। जानकारों का मानना है कि आसिफ मलिक और फैजुर रहमान की मुलाकात भारत के खिलाफ खुफिया गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है। वहीं, ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि बांग्लादेश व्यापार के लिए भारत को नजरअंदाज कर नए विकल्प खोज रहा है, जिसके लिए उसने पाकिस्तान और चीन के साथ अपनी बातचीत बढ़ा दी है।
पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान से बांग्लादेश के लिए एक हाई प्रोफाइल दौरा हुआ था। पाकिस्तान के शीर्ष ट्रेड निकाय फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश पहुंचा था। यह इसलिए भी ऐतिहासिक था क्योंकि एक दशक में इस तरह का ट्रेड प्रतिनिधिमंडल पहली बार पाकिस्तान से बांग्लादेश गया था।
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