नजर सिटीजन एप पर किरायेदारों,नौकरों एवं कर्मचारियों की सूचनाओं एवं जानकारियों को अधिक से अधिक करें अपलोड

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नजर सिटीजन एप पर किरायेदारों,नौकरों एवं कर्मचारियों की सूचनाओं एवं जानकारियों को अधिक से अधिक करें अपलोड

जयपुर 1,सितंबर। जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने रविवार को महेश नगर सामुदायिक केंद्र पर जयपुर पुलिस द्वारा शहरवासियों में नजर एप से संबंधित विस्तृत जानकारियों के लिए आयोजित नजर सीटिजन एप प्रमोशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शहरवासी नजर एप पर किरायेदारों,नौकरों एवं कर्मचारियों की सूचनाओं एवं जानकारियों को अधिक से अधिक अपलोड करें ताकि आमजन एवं उनकी सम्पत्ति की सुरक्षा और अधिक सुदृढ़ से हो सके।

             पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने शहर के आम नागरिकों से सक्रिय होकर इस एप से जुड़ने का आह्वान किया है।महेश नगर थाना क्षेत्र में सबसे अधिक छात्र पढ़ने के लिए बाहर से आते हैं। इसी इलाके में बहुतायत में किराएदार एवम पेइंग गेस्ट हैं।इसलिए नजर सिटिजन एप प्रमोशन का कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले इसी क्षेत्र से की गई। कार्यक्रम की शुरुआत में जयपुर पुलिस आयुक्त श्री बीजू जार्ज जोसफ ने श्री चंद्रशेखर का विशेष रूप से आभार व्यक्त व्यक्त किया जिन्होंने इस ऐप को बनाने में विशेष योगदान दिया।
       जयपुर शहर में निवास करने वाले आम नागरिक और उसकी सम्पत्ति की सुरक्षा को लेकर पुलिस की तीसरी आंख सुरक्षा में तैनात रहेगी। इसके लिए नागरिकों को अपने मोबाइल में नजर सिटीजन एप डाउनलोड कर उसमें घर बैठे ही अपनी डिटेल भरनी होगी। एप पर अपना डेटा फीड करने के बाद यह स्वतः ही बीट कांस्टेबल को प्रदर्शित हो जाएगा। कमिश्नरेट के दायरे में रह रहे नौकरों व किराएदारों का सर्वे करने व प्रत्येक व्यक्ति और उसकी सम्पत्ति को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जयपुर पुलिस का यह महत्वपूर्ण प्रयास है।
एप डाउनलोड करने के बाद डेटा फीड करते समय उसमें बिजली बिल का के.नम्बर अनिवार्य रूप से भरना होगा। इससे मकान, दुकान, होटल, ऑफिस और हॉस्टल पर लगे विद्युत विभाग के.नम्बर से संपत्ति की पहचान हो सकेगी। एप में नौकरों, किराएदारों एवं दुकानों पर कार्यरत कार्मिको के मोबाइल नम्बर, आईडी प्रूफ इत्यादि की जानकारी दर्ज करनी होगी। एप में जानकारी फीड होने के साथ ही नज़र पुलिस ऑफिसर्स एप्लीकेशन सक्रिय हो जाएगा, जिसके माध्यम से डेटा बीट कांस्टेबल के पास जाने के साथ ही वह उसे वैरिफाई करेगा और उसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के द्वारा स्वतः ही सूचना प्रेषित हो जाएगी।

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 घर सूना है तो एप पर डालनी होगी सूचना
   यदि मकान मालिक या संपत्ति का मालिक एक से अधिक दिनों के लिए घर से बाहर जा रहा है और घर सूना है तो ऐसी स्थिति में एप के माध्यम से पुलिस को सूचित किया जा सकता है। एप पर यह जानकारी डालने के साथ ही संबंधित बीट अधिकारी को इसका पता चल सकेगा और गश्ती दल द्वारा उस क्षेत्र में अधिक प्रभावी तरीके से मॉनिटरिंग की जा सकेगी एवम् इससे अवैध और संदिग्ध वाहनों की पहचान भी, अगर डिजिटल रिकॉर्ड संग्रहित हो तो हो सकती है।

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              नजर सिटिजन एप प्रमोशन कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आयुक्त द्वितीय कुंवर राष्ट्रदीप ने कार्यक्रम में शामिल आमजन की एप से ही संबंधित विभिन्न सवालों का जवाब दिया।नजर एप तमाम लाभ के बारे में लोगों को बताया। साथ ही लोगों से उनकी विभिन्न तरह की समस्याओं के बारे में जाना और उनका समाधान का आश्वासन दिया।इस दौरान महेश नगर इलाके के लोगों ने पुलिस की इस पहल की सराहना की और इस एप को सफल बनाने एवम प्रचार करने का वादा किया।
              
          चंद्रशेखर ने नजर सिटिजन एप प्रोमोशन कार्यक्रम में एप से संबंधित जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया गया।शहरवासी अपने मोबाइल फोन में नजर सिटीजन एप्लीकेशंस(एप) डाउनलोड कर उसमें मकान मालिक,दुकान मालिक,पी जी मालिक,होटल व्यवसायी एवं सभी प्रकार के व्यापारिक संस्थान अपने नौकर,किरायदार एवं कर्मचारी के नाम मोबाइल,वैध आई डी फोटो अपलोड कर उनका वेरिफिकेशन घर बैठे ही कर सकते हैं।
               नजर एप से किरायेदार,नौकरों एवं कर्मचारियों की पहचान सुनियोजित करने के साथ-साथ इस एप्लीकेशन के माध्यम से मकान मालिक या व्यापारी,अपने किरायेदारों और नौकरों की पहचान को डिजिटल रूप से सुरक्षित कर सकते हैं। मकान मालिक एवं दुकान मालिक के पास अपने वर्तमान और पूर्व किरायेदारों, नौकरों एवं कार्मिकों का डेटा डिजिटली संग्रहित रहेगा, जिससे उन्हें भविष्य में भी जरूरत पड़ने पर यह जानकारी उपलब्ध रहेगी।प्रवासियों का रिकॉर्ड संग्रहण:जयपुर में आये प्रवासियों के रिकॉर्ड को सुरक्षित और संगठित तरीके से रखा जा सकेगा।डिजिटल रिकॉर्ड का संग्रहण: सभी नागरिकों का डिजिटल रिकॉर्ड पुलिस के पास सुरक्षित रहेगा, जिससे कानून व्यवस्था में सुधार होगा।

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ये मिलेंगे फायदे
जयपुर शहर में रह रहे आमजन, व्यापरियों व व्यवसायियों को और अधिक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से घर और सम्पत्ति तथा किराएदारों-नौकरों की पहचान सुनिश्चित की जा सकेगी। एप्लीकेशन के माध्यम से घर बैठे ही नौकरों और किराएदारों की संपूर्ण जानकारी आसानी से पुलिस से साझा की जा सकेगी। वहीं मकान मालिक के पास भी उनका डेटा संग्रहित हो सकेगा। एप के माध्यम से प्रवासियों के रिकॉर्ड का संग्रहण हो सकेगा। साथ ही शहर में छिपकर रह रहे बाहरी उपद्रवियों की आसानी से पहचान हो सकेगी।
            एप प्रमोशन कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त दक्षिण पारस जैन एवं विभिन्न थाना इलाकों से चुनिंदा कांस्टेबल जो इस एप के नोडल अधिकारी,सीएलसी मेंबर्स एवं आमजन उपस्थित रहे

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