सदन पक्ष और विपक्ष दोंनों से मिलकर चलता है: विधानसभा अध्यक्ष
रांची । झारखंड विधानसभा के छठे सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित होने पर रवींद्रनाथ महतो ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों के प्रति आभार जताया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन ने जिन सपनों को लेकर आंदोलन की लंबी लड़ाई लड़ी, उसे पूरा करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
विस अध्यक्ष ने कहा कि मैं सदन के सदस्यों से आग्रह करना चाहूंगा कि लोक कल्याण के लिए ऐसी नीतियां बनाएं, ऐसे कानून बनाएं, ऐसे अधिनियम बनाएं, जिससे समाज के शोषित, पीड़ित और वंचित वर्गों का उत्थान हो सके। उन्होंने कहा कि गांधी के जरिये देखे गए सपनों के अनुरूप अंतिम व्यक्ति के जीवन में सामाजिक, आर्थिक उत्थान हो सके।
उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश होगी कि मैं सभी सदस्यों को पर्याप्त समय दूं, पर्याप्त अवसर दूं। यह सदन सभी पक्षों के विचारों वाली सदन हो। सभी पक्षों के विचार यहां आने चाहिए। सहमति और असहमति हमारे लोकतंत्र की ताकत है। हम अलग-अलग विचारधाराओं से चुनकर आते हैं हालांकि अलग-अलग विचारधाराओं के बाद भी राज्य का हित सर्वोपरि हैं।
महतो ने कहा कि सदन पक्ष और विपक्ष दोंनों से मिलकर चलता है। विपक्ष सरकार का आईना होता है। लोकतंत्र की यही ताकत है कि सबकी बातें सुनी जाए। सहमति से सदन चले और मेरी अपेक्षा है कि मैं सबकी सहमति से सदन चलाऊं। मैं प्रयास करूंगा कि उन्ही भावनाओं से आप सबका विचार सदन में आए और मैं निष्पक्ष रूप से सदन का संचालन कर सकूं लेकिन आप सबों से मेरी यह अपेक्षा रहेगी कि सदन निर्बाध रूप से चले।
उन्होंने कहा कि मैं यहां अपने अन्तर्मन से यह कहना चाहता हूं कि हमलोग यहां पर चुनकर आते हैं और जनता की बहुत सारी अपेक्षाओं के साथ चुनकर आते हैं। साढ़े तीन करोड़ जनता की इस सदन से आशाएं बंधी है कि उनके हित में और उनके लिए इस महापंचायत से समुचित कार्य हो। इसके साथ विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को बुधवार पूर्वाह्न 11.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन की कार्यवाही राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के अभिभाषण के साथ शुरू होगी। इसके बाद राज्य सरकार के जरिये सदन के पटल पर चालू वित्तीय वर्ष के द्वितीय अनुपूरक बजट को लाया जाएगा। अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद इसे पारित करने की कार्यवाही होगी। इसके अलावा हेमंत सरकार सदन में बहुमत साबित करने का काम करेगी। चार दिनों का यह सत्र राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद 12 दिसंबर को समाप्त होगा।
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