रबी फसल के लिए दाे हजार क्विंटल बीजों का उत्पादन करेगा एसकेआरएयू
बीकानेर । स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (एसकेआरएयू) रबी फसल 2024-25 के लिए करीब दाे हजार क्विंटल बीजों का उत्पादन करेगा। जिन फसलों के बीजों का उत्पादन किया जाएगा उनमें गेहूं, चना, सरसों, जीरा, मैथी, इसबगोल, रिजका, काचरी आदि के प्रजनक बीज, आधार बीज, प्रमाणित बीज ( सर्टिफाइड सीड) और ट्रूथ फूल बीज ( टीएल सीड) शामिल है। राष्ट्रीय बीज परियोजना के अंतर्गत रबी फसल 2024-25 में बीज उत्पादन को लेकर कुलपति डॉ अरुण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्णय़ किया गया। बैठक में मुख्य अतिथि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के पूर्व निदेशक बीज डॉ सी.पी.सचान थे।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के पूर्व निदेशक बीज डॉ सी.पी.सचान ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक स्थानीय आवश्यकता एवं मांग के अनुसार विभिन्न फसलों के उच्च गुणवत्ता युक्त बीजों का उत्पादन करें। साथ ही कहा कि कृषि वैज्ञानिक आधार एवं प्रमानित बीजों का ज्यादा उत्पादन करें ताकि कृषि विश्वविद्यालय को राजस्व की प्राप्ति अधिक हो।
कुलपति डॉ अरूण कुमार ने कहा कि बीज उत्पादन में किसानों की सहभागिता को बढ़ाया जाए। सभी केवीके कम से कम 5-5 किसानों के साथ सहभागिता करते हुए संबंधित किसान के खेत पर ही उच्च गुणवत्ता का बीज उत्पादन करें। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाला बीज उत्पादन को लेकर किसानों को प्रशिक्षण भी दें। कुलपति ने बीज उत्पादन से संबंधित सभी कृषि वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि उच्च क्वालिटी के आधार बीज, प्रमाणित बीज ज्यादा से ज्यादा पैदा कर क्षेत्र के किसानों को समय पर उपलब्ध करवाएं। अगर हमारे किसानों को उच्च गुणवत्ता का बीज समय पर मिलता है तो उत्पादन स्वत ही 40-50 फीसदी तक बढ़ जाएगा।
वित्त नियंत्रक राजेन्द्र कुमार खत्री ने सुझाव दिया कि उच्च गुणवत्ता के बीज उत्पादन के लिए ठेके पर बीज उत्पादन कार्य की मॉनिटरिंग अच्छे से की जाए। निविदा के समय ऐसी टर्म एंड कंडिशन हो कि उच्च गुणवत्ता बीज उत्पादन के लिए ठेकेदारों पर नियंत्रण बना रहे।
इससे पूर्व अतिरिक्त निदेशक बीज डॉ पीसी गुप्ता ने रबी फसल 2023-24 में विभिन्न फसलों के सभी श्रेणी में उत्पादित किए गए बीजों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही रबी फसल 2024-25 में विभिन्न फसलों के सभी श्रेणी में उत्पादन किए जाने वाले बीजों के लक्ष्य का प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यक्रम के आखिर में बीज उत्पादन अधिकारी डॉ जे.के.तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बैठक में अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश, प्रसार निदेशक डॉ पी.एस.शेखावत, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव, अतिरिक्त निदेशक बीज डॉ पी.सी.गुप्ता समेत जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय से आए अनुसंधान निदेशक, डॉ मनमोहन सुंदरिया, प्रसार निदेशक डॉ प्रदीप पगारिया, अतिरिक्त निदेशक बीज डॉ सैमुअल जुबेरस्रन, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय व जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के सभी केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष समेत हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुनूं और जैसलमेर से आए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
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