पहले बिकने को फिर जलने को तैयार रावण के पुतले !
पूरे मध्य भारत में दशहरे के मौके पर लगने वाला रावण बाजार सज चुका है. इस बाजार में एक फीट से लेकर 25 फीट तक रावण हैं, जिनकी कीमत 100 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक है ,हालांकि रावण पर भी महंगाई की मार पड़ रही है.
30 वर्षों से रावण के पुतले बनाने वाले शंकर ने बताया कि, इस बार छोटे पुतलों की काफी डिमांड बढ़ी है. बच्चों के अंदर रावण दहन का क्रेज बढ़ता जा रहा है. छोटे रावण के पुतला पांच से 10 फुट तक बनाया जाता है. बड़े रावण बनाने के साथ साथ छोटे रावण भी खूब बनाए जा रहे हैं. दशहरे के कई दिन पहले से इनकी बिक्री शुरू होती है.
एक रावण को तैयार करने में बांस, कागज, गोंद, रंग और कपड़े का इस्तेमाल होता है.शंकर ने बताया कि यह सभी सामान देश के विभिन्न राज्यों से मंगवाया जाता है. इसमें बांस को असम से डीलर के माध्यम से मंगवाया जाता. वहीं पेपर, गोंद और कपड़े राजधानी के थोक मार्केट सदर बाजार से खरीदे जाते हैं.
उन्होंने बताया कि पांच से 10 फुट के रावण को बनाने में करीब दो से ढाई दिन का समय लगता है. वहीं छोटे साइज के रावण को बनाने में एक ही दिन का समय लगता है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले बांस को काटा जाता है, फिर रावण के ढांचे को तैयार कर उसपर साड़ी या चादर को लपेटा जाता है. अंत में कागज चिपकाने के बाद कलर किया जाता है.
वहीं छोटे रावण के पुतले बनाने वाले महेश ने बताया कि इस बार बाजार में भारी संख्या में रावण बनाए गए हैं. बाजार में सबसे बड़े पुतले का साइज 45 फुट है, जिसकी कीमत 10,000 से 15,000 रुपए के बीच है. वहीं छोटे साइज के रावण के पुतले की कीमत 500 रुपए से 1,000 रुपए के बीच है.
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