इंदौर-उज्जैन में क्रिकेट सटोरियों के ठिकानों पर ईडी का छापा
उज्जैन । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार को इंदौर और उज्जैन के क्रिकेट सटोरियों के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग किए जाने की सूचना पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट और टेनिस का सट्टेबाजी रैकेट चलाने वाले उज्जैन के पीयूष चोपड़ा के ठिकानों पर गई। हालांकि, उज्जैन पुलिस को ईडी की इस कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है।
जानकारी के अनुसार, 14 जून-2024 को उज्जैन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए क्रिकेट का सट्टा खेलते नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। उस दौरान 14.58 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। 41 मोबाइल, 19 लैपटाप, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल सिम, विदेशी करंसी भी जब्त की गई थी। इसमें मुख्य आरोपित पीयूष चौपड़ा था। पुलिस के अनुसार पीयूष चौपड़ा लंबे समय से इंदौर रोड स्थित घर पर ही सट्टा संचालित कर रहा था। उसने लुधियाना, पंजाब और अन्य शहरों से सट्टा करने में कुशल युवकों को अच्छे रुपये देकर उज्जैन बुलाया था। यहां सारा खेल उच्च तकनीकी संसाधन उपलब्ध करवाकर चला रहा था।
इस पूरी कार्रवाई की जानकारी स्थानीय पुलिस ने ईडी सहित अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी दी थी। ईडी ने इसी सूचना के आधार और मनी लांड्रिंग की आशंका पर शुक्रवार को शहर में चौपड़ा सहित कुछ अन्य आरोपितों के ठिकानों पर दबिश दी। ईडी के अनुसार क्रिकेट सट्टे में और इससे जुड़े लेनेदेन में अभय चौपड़ा और संजय अग्रवाल नाम के व्यक्तियों की भी संलिप्तता सामने आई है। अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
हवाला और साफ्टवेयर का उपयोग
ईडी के अनुसार क्रिकेट सट्टेबाजी के लिए लंदनएक्स9 नामक एक वेबसाइट संचालित की जाती थी। इसके जरिए दांव लगवाया जाता था। सट्टे की राशि का ट्रांसफार हवाला के जरिए होता था। सट्टे के लेन-देन का हिसाब और जीत-हार का गणित रखने के लिए भी सटोरिये हार्स नामक एक साफ्टवेयर का उपयोग कर रहे थे। इस आनलाइन कालेधंधे और साफ्टवेयर ट्रेकिंग में अभय चौपड़ा और संजय अग्रवाल की भूमिका का भी पता चला रहा है।
ईडी की अगल-अलग टीमों ने शुक्रवार को ने इंदौर और उज्जैन के पांच ठिकानों पर छापेमारी कार्रवाई की है। साथ ही पंजाब के लुधियाना शहर में भी छापे मारे। इस दौरान ईडी की टीम ने 31 लाख रुपये नकद, कुछ दस्तावेज और कुछ डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। साथ ही सटोरियों द्वारा किए गए म्यूचल फंड में निवेश व फिक्सड डिपाजिट के रूप में जमा करीब आठ करोड़ रुपये की राशि भी फ्रीज की है। ईडी के अनुसार यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई।
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