जन्मदिवस पर याद किए गए अजात शत्रु दीनानाथ सलूजा
देहरादून । उत्तराखंड के प्रखर समाजसेवी और दानवीर स्वर्गीय दीनानाथ सलूजा का जन्मदिवस उनके सहयोगियों और प्रशंसकों ने भावपूर्ण तरीके से मनाया। अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित इस कार्यक्रम का संयोजन और संचालन हिन्दी साहित्य समिति के पूर्व अध्यक्ष विजय स्नेही ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत स्व. सलूजा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। ओएनजीसी के पूर्व निदेशक एनआर गुप्ता ने उनके दान और समाजसेवा की स्मृतियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि दीनानाथ सलूजा गुमनाम रूप से लोगों की मदद करने वाले ऐसे दानी थे, जो प्रचार-प्रसार से दूर रहकर सेवा करते थे। उनके सहयोगी विजय स्नेही ने कहा कि सलूजा हर राजनीतिक दल, साहित्यकार, और पत्रकार के प्रिय थे। उनका कार्यालय और आवास जरूरतमंदों के लिए मंदिर के समान था।नगर पालिका और साहित्यिक योगदानपूर्व पार्षद अशोक वर्मा ने बताया कि दीनानाथ सलूजा 1989 से 1994 तक नगर पालिका अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल में देहरादून में साहित्य और खेल को विशेष बढ़ावा मिला।
हिन्दी भवन और प्रेस क्लब को उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए स्थायी भवन आवंटित किए, जो आज भी उनकी दूरदृष्टि का प्रमाण हैं।दानवीरता और सामाजिक भूमिकाकार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने उनकी निःस्वार्थ सेवा का उल्लेख किया। विजय स्नेही ने बताया कि सलूजा गुमनाम रहकर दान करने में विश्वास रखते थे, जबकि आज के समय में लोग दान का प्रचार करते हैं। उनके जैसे समाजसेवियों का मिलना दुर्लभ है।कार्यक्रम में उनके भतीजे ऋषि सलूजा और मां इन्दू सलूजा विशेष रूप से मौजूद रहीं। इस अवसर पर आनंद सहगल, डॉ. देवेंद्र भसीन, सुरेंद्र अग्रवाल, सुंदर ठाकुर, अमर खरबंदा, वीरेंद्र डंगवाल और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों ने अपने विचार साझा किए। दीनानाथ सलूजा के सामाजिक योगदान और दानवीरता को याद करते हुए उपस्थित लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
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