एसटीपी हैंडओवर में लापरवाही पर डीएम सख्त, कार्यदायी संस्था को फटकार
गोपेश्वर । जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में गंगा नदी और उसकी प्रमुख सहायक नदियों के संरक्षण और पुनरुद्धार से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान डीएम ने नमामि गंगे परियोजना के तहत कर्णप्रयाग में निर्मित तीन एसटीपी में से दो को जल संस्थान को हैंडओवर न किए जाने पर नाराजगी जताई और कार्यदायी संस्था को एक जनवरी तक इन्हें हैंडओवर करने के सख्त निर्देश दिए। डीएम ने निर्देश दिए कि जनपद में संचालित सभी एसटीपी का हर महीने निरीक्षण किया जाए। उन्होंने सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे स्लज का उपयोग खाद बनाने और इसे वन विभाग या एनजीओ के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराने पर जोर दिया। साथ ही हल्द्वापानी क्षेत्र में सीवर नेटवर्क और एसटीपी निर्माण के लिए जल संस्थान को प्राक्कलन तैयार करने के आदेश दिए।नगर निकायों को मिले सख्त निर्देशडीएम ने नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और सोर्स सेग्रीगेशन की सख्त निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुबह सात बजे सभी अधिशासी अधिकारी नगर क्षेत्र का भ्रमण कर सफाई कार्य की मॉनिटरिंग करें।
सड़कों पर कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और चालान किया जाए।अन्य निर्देश और प्रगति रिपोर्टजिलाधिकारी ने गंगा निकायों में नालों की सफाई और उनके पानी को सीधे नदियों में जाने से रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने नदी किनारे सभी होटलों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने और वायो मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा।कार्य प्रगति का विवरणसदस्य सचिव और डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि जनपद में स्वीकृत 16 एसटीपी में से 13 को जल संस्थान को हैंडओवर किया जा चुका है। इन एसटीपी से 28 नालों को जोड़ा गया है, जिसमें बदरीनाथ, जोशीमठ, गोपेश्वर, नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग के नाले शामिल हैं। नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़े से खाद बनाने का काम प्रगति पर है।
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