आईएएस राजेंद्र विजय के पास इतनी ज़मीन की पूरी कॉलोनी बस जाये !
कोटा के तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय प्रभावशाली पदों पर रहे। इस दौरान उन्होंने ‘ऊपरी’ कमाई को जमीनों में निवेश किया। एसीबी को उनके इतने भूखंडों की जानकारी मिली है कि उनकी पड़ताल में ही कई माह लग जाएंगे। जांच में एक और कारस्तानी पकड़ी गई है। आइएएस के परिजन के नाम पहले जमीन खरीदी जाती है और फिर गिफ्ट डीड के माध्यम से उसे पत्नी के नाम करा दी जाती है।
लॉकर में चांदी की सिल्ली व आभूषण
एसीबी ने सोमवार को राजेन्द्र विजय के लॉकर को खोला, जिसमें एक किलो चांदी की सिल्ली व अन्य आभूषण मिले हैं। लॉकर में सिल्ली के अलावा चांदी के सिक्के व आभूषण तथा सोने के आभूषण भी मिले हैं।
पड़ताल में यह सामने आई सम्पत्ति
एक नज़र उनके लैंड बैंक पर
इसके अलावा ज़मीन इतनी की पूरी कॉलोनी बस जाए मिली जानकारी के अनुसार रामनगरिया में 585 वर्गमीटर भूखंड राजेंद्र विजय के नाम वर्ष 2022 में 70 लाख में खरीदा।
जगतपुरा रोड सिद्धार्थ नगर में 351 वर्गमीटर भूखंड पत्नी साधना के नाम वर्ष 2010 में 15 लाख में खरीदा, बाद में यहां पांच लाख रुपए निर्माण व पट्टे में खर्च किए।
टोंक रोड पर अवासीय मकान पत्नी साधना के नाम वर्ष 1993 में खरीदा। उस समय जमीन और मकान में खर्च का अनुमान 26 लाख 77 हजार रुपए।
फागी के हरसूलिया रीको में पत्नी साधना के नाम भूखंड (2200 वर्ग मीटर) वर्ष 2021 में खरीदा। जमीन व निर्माण में खर्च का अनुमान 67 लाख 23 हजार।
सिद्धार्थ नगर में पत्नी साधना के नाम प्लॉट (167 वर्ग मीटर) वर्ष 2021 में खरीदा। खर्च करीब 34 लाख रुपए। पढे़ं पड़ताल।
किशनगढ़ खोड़ा रीको में पत्नी साधना के नाम भूखंड (1500 वर्गमीटर) वर्ष 2021 में 45 लाख रुपए में खरीदा।
खोड़ा रीको में पत्नी साधना के नाम भूखंड (1500 वर्गमीटर) वर्ष 2022 में खर्च करीब 55 लाख 50 हजार में खरीदा।
टोंक रोड स्थित कमानी फॉर्म हाउस के सामने भूखंड (291 वर्ग मीटर) पत्नी साधना के नाम। यह प्लाट वर्ष 2022 में सास शान्ति देवी की ओर से गिफ्ट डीड से मिला। एसीबी को आशंका है कि वर्ष 2009 में शान्ति देवी के नाम यह भूखंड राजेंद्र विजय ने ही खरीदा था। इसमें खर्च का अनुमान 33 लाख रुपए।
कमानी हाउस के सामने दूसरा भूखंड 240 वर्ग मीटर इसी तरह गिफ्ट डीड से मिला। इस पर खर्च का अनुमान 27 लाख 75 हजार रुपए।
सी-स्कीम में अशोक मार्ग पर शोरूम वर्ष 2022 में करीब पांच करोड़ रुपए में पत्नी के नाम खरीदा।
एसीबी को आशंका है कि यह खरीद अधिकारी ने ही अपनी कमाई से की थी। एसीबी अब इसके सबूत जुटाने में लगी है। एसीबी जांच में सामने आया कि सिकराय के दुब्बी में उनके पिता के नाम पैतृक जमीन थी। यह जमीन पिता ने गिफ्ट डीड से अधिकारी की पत्नी के नाम कराई। इसके अलावा रोचक मामला जगतपुरा के पास सवाई गेटोर में मिला। यहां पिता के नाम वर्षों पहले दो प्लॉट खरीदे गए। उनकी कीमत करीब 21 हजार रुपए बताई गई। इसके बाद ये प्लॉट अधिकारी की पत्नी के नाम उपहार (गिफ्ट डीड) के रूप में किए गए। अधिकारी ने इनको कुछ वर्ष पहले करीब एक करोड़ रुपए में बेचान किया। ठीक इसी तरह टोंक रोड पर कमानी फार्म हाउस के सामने भी मां के नाम दो प्लाट खरीदे गए थे। जो बाद में उनकी पत्नी के नाम उपहार (गिफ्टडीड) के माध्यम से कराए गए। एसीबी प्लॉट खरीद के समय के लेन-देन की पड़ताल में जुटी है।
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