झारखंड में विधानसभा चुनाव की 81 सीटों पर दो चरण में होंगे मतदान , चंपई सोरेन समेत इन दिग्गजों साख दांव पर

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  झारखंड में विधानसभा चुनाव की 81 सीटों पर दो चरण में होंगे मतदान , चंपई सोरेन समेत इन दिग्गजों साख दांव पर

झारखंड में विधानसभा चुनाव की 81 सीटों पर दो चरण में मतदान होने हैं. पहले चरण में 13 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. झारखंड में पहले चरण में कुल 43 सीटों पर कुल 683 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि, इन 43 सीटों में 13 सीट ऐसी हैं जो हॉटसीट में शुमार है और इन सीटों पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.

इन 13 सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री , राज्यपाल , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और कई सिटिंग विधायकों की राजनीतिक विरासत दांव पर लगी हुई है.

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झारखंड की यह 13 हॉट सीट जिन पर 13 नवंबर को पहले फेज के मतदान में विशेष नजर रहेगी :-

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पोटका – पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी पहली बार चुनावी मैदान में पोटका सीट से उतरी हैं. मीरा मुंडा की टक्कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के वर्तमान विधायक और प्रत्याशी संजीव सरदार के साथ है. इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की राजनीतिक साख दांव पर लगी है.

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जमशेदपुर पूर्वी- ओडिशा के राज्यपाल और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए, इस बार उनकी बहू पूर्णिमा साहू भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जमशेदपुर पूर्वी से मैदान में उतरी हैं , उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद सह प्रत्याशी डॉक्टर अजय कुमार के साथ होना है. इसी सीट पर वर्ष 2019 के चुनाव में पांच बार के विधायक और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को निर्दलीय सरयू राय ने चुनाव में मात दी थी.

जमशेदपुर पश्चिम- इस सीट की बात करें तो, इस बार काफी हॉट सीट बना हुई है, जिस पर सब की निगाहें टिकी हुई हैं. हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री बने गुप्ता और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय एक दूसरे के आमने-सामने हैं. सरयू राय एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी हैं, जदयू पार्टी ने उनको टिकट दिया है.वहीं, बन्ना गुप्ता महा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं. सरयू राय और बन्ना गुप्ता के बीच सार्वजनिक रूप से एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी के कारण यह सीट काफी हॉट बनी हुई है.

रांची- साल 1996 से लगातार रांची सीट से जीत दर्ज करते आ रहे हैं, बीजेपी प्रत्याशी सीपी सिंह सातवीं बार चुनावी मैदान में खड़े हैं. राज्य के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक सीपी सिंह की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है. उनके खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी डॉ महुआ माजी चुनावी मैदान में हैं. वर्ष 2019 के चुनाव में सीपी सिंह को महुआ माजी ने कड़ी टक्कर दी थी, फिलहाल वह राज्यसभा की सदस्य भी हैं.
हेमंत सोरेन कैबिनेट के मंत्री दीपक बिरुवा की प्रतिष्ठा चाईबासा सीट पर इस बार दांव पर है, लगातार तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे दीपक बिरुवा के सामने, इस बार बीजेपी की प्रत्याशी गीता बलमुचू हैं.

लोहरदगा- हेमंत सोरेन सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर डॉ रामेश्वर उरांव की साख दांव पर लगी है , डॉ रामेश्वर उरांव का मुकाबला झारखंड आंदोलनकारी रहे स्वर्गीय कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत से हैं, नीरू शांति भगत को एनडीए ने प्रत्याशी बनाया है वह आजसू कोटे से चुनाव लड़ रही हैं.

सरायकेला- 40 वर्ष तक तीर धनुष का साथ और झारखंड मुक्ति मोर्चा का झंडा बुलंद करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पहली बार , सरायकेला सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बजाय भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार हैं, उनको बीजेपी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए गणेश महली टक्कर दे रहे हैं. 13 नवंबर को होने वाले मतदान के दिन सरायकेला सीट पर पूरे राज्य की नज़रें टिकी रहेंगी.

घाटशिला- हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री रामदास सोरेन को चुनौती देने के लिए, घाटशिला सीट से इस बार पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.
खूंटी- वर्ष 2000 से लगातार खूंटी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज करते आ रहे हैं राज्य के पूर्व मंत्री और वर्तमान में विधायक सह प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा की राजनीतिक प्रतिष्ठा भी दांव पर है. नीलकंठ सिंह मुंडा का मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा के राम सूर्या मुंडा के साथ होगा.

हटिया- पिछले 12 वर्षों से हटिया के विधायक नवीन जायसवाल (बीजेपी) का इस बार मुकाबला कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अजय नाथ शाहदेव के साथ है. अब तक नवीन जायसवाल अलग-अलग दलों से चुनाव लड़कर और इस सीट से जीत दर्ज कर के विधानसभा पहुंचे हैं. कभी आजसू पार्टी , कभी जेवीएम और अब भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ा है. हटिया सीट पर भी झारखंड की निगाहें टिकी हुई है. अजय नाथ शाहदेव बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में एक मजबूत दावेदार हैं.

गढ़वा – हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साथ-साथ इस सीट पर तीन दिग्गज प्रत्याशी आमने-सामने हैं , बीजेपी के पूर्व विधायक सत्येंद्र तिवारी, पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह के साथ-साथ वर्तमान मंत्री मिथिलेश ठाकुर तीनों अपनी-अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं.

बड़कागांव – पिछले 15 वर्षों से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है. योगेंद्र साहू और उनके परिवार का पिछले 15 वर्षों से इस सीट पर कब्जा है. वर्तमान में उनकी बेटी अंबा प्रसाद यहां से विधायक और कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी हैं. कांग्रेस प्रत्याशी अंबा प्रसाद का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रोशन लाल चौधरी के साथ होने वाला है. सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के भाई रोशन लाल चौधरी के साथ-साथ पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी बेटी अंबा प्रसाद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.

भवनाथपुर- भवनाथपुर सीट से लगातार तीन बार के विधायक रहे और वर्तमान के विधायक भानु प्रताप शाही, इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं. उनका मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार आनंद प्रताप देव के साथ है. 13 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए भवनाथपुर सीट भी हॉट सीट में शुमार है.

 

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