एनसीबी का ऑपरेशन शंकर और त्रिनेत्र : बीस साल से मादक पदार्थ का नेटवर्क चलाने वाला सरगना गिरफ्तार
जोधपुर । जोधपुर जोन ने ऑपरेशन शंकर के तहत मादक पदार्थ तस्करी के नेटवर्क पर एक बड़ी चोट करते हुए 865 किलोग्राम गांजा जब्त किया था और अनवरत प्रयास के उपरांत इस अंतरराज्यीय नेटवर्क के मुख्य सरगना को अब गिरफ्तार किया है।
जोनल निदेशक घनश्याम सोनी ने बताया कि विशेष खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए एनसीबी जोधपुर की टीम ने गत 23 मई को जोधपुर के फिटकासनी स्थित गोरा होटल के पास एक महिंद्रा पिकअप वाहन को रोका था। तलाशी के दौरान वाहन से 71 पैकेट गांजा बरामद किए गए। इसके बाद की कार्रवाई में 99 अतिरिक्त पैकेट भी जब्त किए गए। इस प्रकार कुल 865 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत 4.30 करोड़ आँकी गई। इस मामले में अब तक 6 अंतरराज्यीय मादक पदार्थ अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की जांच जारी है।
सोनी ने बताया कि मामले को लेकर विनायकपुरा भवाद करवड़ निवासी मेहराम विश्रोई को अब गिरफ्तार कि या गया है।
मुख्य सरगना 2004 से सक्रिय :
जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी के अनुसार पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि 2004 से सक्रिय मेहराम बिश्नोई ने तस्करी के इस नेटवर्क को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसमें प्रमुख तस्करों राकेश साई और बलदेव तथा ओडिशा के गांजा आपूर्तिकर्ताओं के बीच संपर्क स्थापित किया था। फिर मादक पदार्थ व्यापार में वित्तीय निवेश करने के साथ साझेदार बन गया।
शैक्षणिक संस्थानों का बनाया टारगेट :
गांजे की तस्करी कर तस्कर लोग खेप मुख्य रूप से आईआईटी जोधपुर, एम्स, एनआईएफटी और जोधपुर शहर के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को लक्षित करती थी। आरोपी मेहराम बिश्नोई 2004 से मादक पदार्थों की तस्करी में सक्रिय है। उसके खिलाफ एक मामला गांजे की तस्करी का और एक मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत थाना करवड़ में दर्ज है।
सोनी ने बताया कि एनसीबी की टीम अब ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तस्करों का पता लगाने में जुटी है जहां से गांजा की आपूॢत की जाती है। सक्रिय खरीदारों की पहचान की जा रही है। इसके लिए कड़ी को जोड़ा जा रहा है।
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