उत्तर पश्चिम रेलवे पर प्रतिदिन 55 टन से अधिक बैडरोल की हो रही मैकेनाइज्ड धुलाई
जयपुर । भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बेडरौल देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए रेलवे बोर्ड द्वारा स्पष्ट नीति निर्धारण की गई है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर संचालित होने वाली सभी ट्रेनों में वातानुकूलित श्रेणी के कोचों में साफ, स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरौल प्रदान किये जा रहे हैं। सभी चद्दरों और पिलो कवर को प्रत्येक उपयोग के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में धुलाई और इस्त्री की जाती है ताकि यात्रियों को स्वच्छ बेडरॉल देकर उनकी आरामदायक, हाईजीन और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर जयपुर, जोधपुर और बाड़मेर में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रिंया स्थापित की गई है। इनकी क्षमता में लगातार वृद्धि की जा रही है। अक्टूबर 2023 में इन लॉन्ड्री में धुलाई की जाने वाले कपड़ों की क्षमता को 20 टन प्रति दिन से बढ़ा कर 56 टन प्रति दिन किया गया है। इस क्षमता में जनवरी 2025 में 10 तथा मार्च 2025 में 14 टन प्रतिदिन की ओर वृद्धि की योजना है।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि कंबलों की धुलाई 2010 में जहां 3 महीने में एक बार की जाती थी, उस अवधि को घटा कर 2010 से 2 महीने में एक बार तथा वर्तमान मे 30 दिन में एक बार किया गया है। जबकि घरों में भी कंबल कभी-कभी ही धुलते हैं और ज्यादातर घरों में सिर्फ सर्दियों में धूप स्नान ही कराया जाता है। रेलवे द्वारा एसी कोच में प्रत्येक यात्री को दाे चादरें दी जाती है जिसमें से एक सीट पर बिछाने तथा दूसरी कंबल के कवर के रूप में इस्तेमाल के लिए दी जाती है। इसके अतिरिक्त एसी कोच का तापमान भी 24 के आसपास रखा जाता है ताकि कंबल की आवश्यकता ही ना पड़े और चादर ही पर्याप्त हो।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर बेडरौल की अनुपलब्धता और गंदे या फटे बेडरौल की शिकायतों में निरंतर कमी आ रही है। पिछले वर्ष अप्रैल 2023 सेअक्टूबर 2023 के मध्य चारों मंडलों में कुल 5181 शिकायतें रजिस्टर की गई जबकि इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर 2024 के मध्य शिकायतों की संख्या लगभग 15% घटकर 4529 ही रही। इनमें भी अधिकतर शिकायतें केवल बेड रोल उपलब्ध नहीं होने की रही जिन्हें कुछ विलंब से बेड रोल उपलब्ध कराया गया था।
इसके साथ ही चादरों और कंबलों को कुछ समय बाद बदला भी जाता है तथा नए लिनेन सेट की खरीद की जाती है। मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रियो में भी सफाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पदार्थो का इस्तेमाल किया जाता है तथा सीसीटीवी एवं स्टाफ द्वारा निरंतर निगरानी रखी जाती है। धुले हुए कपड़ों की गुणवत्ता को चेक करने के लिए व्हाइटोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय एवं मंडल स्तर रेल मदद पर प्राप्त बेड रोल सहित अन्य शिकायतों की निगरानी के लिए वार रूम स्थापित किए गए हैं, जो यात्रियों की शिकायत एवं फीडबैक पर निरंतर 24 घंटे 7 दिन निगरानी करते हैं।
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