आरएसआरडीसी में टोल के मोल में भारी फर्जीवाडा

सरकार को लगाई बारह सो करोड़ की चपत 

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आरएसआरडीसी में टोल के मोल में भारी फर्जीवाडा

ट्रैफिक सर्वे कंपनी की मिली भगत से दिखाया ट्रैफ़िक कई गुना

राजस्थान राज्य सडक विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) लिमिटेड टोल कलेक्शन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर से लेकर ट्रैफिक सर्वे में फर्जीवाड़ा कर रहा है। दरअसल आरएसआरडीसीसी निजी कंपनियों से व्हीकल ट्रैफिक सर्वे करवाकर टोल की रिजर्व प्रास तय करता है लेकिन सर्वे में ज्यादा वाहन दिखाकर टेंडर अमाउंट को दो गुना से तीन तक बढ़ाया जा रहा है,ताकि टेंडर न हो और पुरानी फर्म को एक्सटेंशन मिलता रहे।

मिली जानकारी के अनुसार कंपनी के सर्वे को वेरिफाई करने वाली आरएसआरडीसी की कमेटी भी सवालों के घेरे में है। 10 करोड़ के 4 टोल (कोटपूतली कुचामन, बीकानेर-बाईपास, डूंगरगढ- सरदारशहर, जोबनेर-कुचामन) का गलत एक्सटेंशन कर दिया। इन सबका ट्रैफिक सर्वे ज्यादा दिखाया गया। टेंडर में फर्म नहीं आने का हवाला देकर एक्सटेंशन में भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। इससे सरकार को 4 साल में बारह सो  करोड़ का नुकसान हो चुका है। इधर, आरटीटीपी रूल्स के मुताबिक किसी टेंडर में ज्यादा इनकम की संभावना है तो नया टेंडर होना चाहिए। आरएसआरडीसी प्रदेश में 37 टोल चला रही है। इनमें से 9 पर एक्सटेंशन मिला हुआ है। जबकि 6 टोल डेली बेसिस पर संचालित हैं।

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जनवरी में मैसर्स टीटीएल इंजीनियरिंग प्रालि जयपुर ने कोटपूतली-कुचामन स्टेट हाईवे पर ट्रेफिक सर्वे किया। इसमें दो साल के लिए 192.75 करोड़ रुपए टोल कलेक्शन माना गया। कंपनी ने वीडियो क्लिप में काट छांट कर वाहनों की संख्या बढ़ा दी। इस पर कंपनी को डीबार करने की सिफारिश की गई है। मार्च में नए सर्वे में दो साल के लिए 160 करोड़ रुपए टोल कलेक्शन होना माना गया।

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इसके आधार पर आरएसआरडीसी ने टेंडर लगाया। लेकिन आरक्षित दर (160 करोड़ रुपए) बहुत ज्यादा होने से कोई कंपनी टेंडर लेने नहीं आई। अब आरएसआरडीसी ने आरक्षित दर 5% कम कर 152 करोड़ रुपए का टेंडर लगाया है। जबकि 2019 में गैलेक्सी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को 67.21 करोड़ रुपए में दो साल का टेंडर दिया था। अब तक पांच बार एक्सटेंशन मिल चुका है। इसमें दो एक्सटेंशन कोविड और किसान आंदोलन के शामिल हैं। 2019 की तुलना टेंडर रेट दोगुना से ज्यादा होने के कारण कोई फर्म टेंडर नहीं लगा रही है। इसलिए 31 मार्च 2024 को रेट में 7.5% बढ़ोतरी कर कंपनी को 5वीं बार एक्सटेंशन दिया गया है। इस रूट पर सरूड़-कोटपूतली, चला, नांगल, दूजोद व जिलिया पांच टोल नाके हैं।

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सरकार को नुकसान : टोल एक्सटेंशन 7.5 फीसदी से 10 फीसदी की वृद्धि कर किया जा रहा है।

जबकि कंपनी को इससे कहीं ज्यादा रेवेन्यू कलेक्शन होता है। पिछले कुछ समय मे ही 5-6 रुटों पर करवाये गये सर्वे में दोगुना से तीन गुना तक की वृद्धि बताई गई है लेकिन आरएसआरडीसी द्वारा इन रुटों पर भी एक्सटेंशन मात्र 7.5-10% वृद्धि पर कर दिया गया। इसके बाद बिना सर्वे का परिक्षण किये नये टेंडर भी जारी कर दिये। इन टेंडरों में भारी बढ़ोतरी के चलते कोई फर्म भाग ही ना ले और पुरानी फर्म को ही मामूली बढ़ोतरी कर एक्सटेंशन दे दिया जाये इसलिए सर्वे में गड़बड़ी की जाती है। इससे सरकार को करीब बारह सो करोड़ का नुकसान हो रहा है।


इसलिए सवालों के घेरे में पूरा सिस्टम

1. डूंगरगढ़-सरदारशहर-राजगढ़ टोल : इस टोल का संचालन देवदशरथ एसोसिएट कर रही है। यह टोल 12 जून 2021 से 12 जून 2023 तक (दो साल) के लिए दिया गया था। 10 फीसदी बढ़ाकर 18 करोड़ में एक साल का एक्सटेंशन दे दिया। 11 जून को 69.81 करोड़ का टेंडर लगाया लेकिन दरों में तीन गुना वृद्धि के चलते किसी भी फर्म ने टेंडर में भाग ही नहीं लिया। अब 23 जुलाई को वापस 66.32 करोड़ का टेंडर लगाया गया है।

2. बीकानेर बाइपास टोल : 25 फरवरी 2021

को 41.74 करोड़ आरक्षित दर मानी गई थी। 15 मार्च 2021 को तकनीकी बोली खोले जाने के बाद फाइनेंशियल बिड नहीं खोली। देवदशरथ एसोसिएट को 12 जून 2021 से 11 नवंबर 2023 (दो साल) के लिए सिर्फ 20.44 करोड़ रुपए में दे दिया गया। इसके बाद एक्सटेंशन दे दिया। अब मई 2024 में 44.77 करोड़ का टेंडर लगाया। लेकिन कोई फर्म नहीं आई। स्टेट हाइवे पर गहलोत सरकार ने 2020 में निजी वाहनों पर वापस टोल लागू किया।

3. R.SRDC ने कोटपूतली-कुचामन रूट पर अफोर्डेबल हाउसिंग प्रालि को 45 लाख में 90 दिन का टेंडर दिया। आज तक काम इसी कंपनी के पास।

4. अलवर बहरोड़ नारनौल टोल की एक बार एनआईटी जारी की। लेकिन कोई फर्म नहीं आई। 15 दिन बाद डेली बेसिस पर दे दिया। जबकि कोटपुतली कुचामन, जयपुर जोबनेर कुचामन, बीकानेर बाईपास को डेली बेसिस पर देने की बजाय दूसरी बार एनआईटी जारी कर दी गई। • कंपनियों की हाई एप्रोच: एक एक कंपनी के पास पांच से सात टोल हैं। यानी टोल से जुड़े 200 करोड़ का काम एक एक कंपनी कर रही है। उदाहरण के लिए गैलेक्सी माइनिंग प्रा. लि. के पास चार टोल हैं। चारों टोल को हाल ही में एक्सटेंशन दिया है। इसी तरह देव दशरथ एसोसिएट के तीन में से दो टोल को एक्सटेंशन दिया है। इनकी हाई एप्रोच के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती है।

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