PWD वृत्त शहर जयपुर के सीटी डिविजन सेकंड में वर्क ऑर्डरों की तारीखें निकलने के बाद बैक डेट में बन रहे बिल !
उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग कि मंत्री दिया कुमारी भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के प्रति कटिबद्ध है, लेकिन कांग्रेस राज में जमे कुछ अधिकारी अभियन्ता अभी भी भ्रष्टाचार की गंगा बहा रहे हैं , ताज़ा मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग वृत्त शहर जयपुर के सीटी डिविजन सेकंड में कई वर्क ऑर्डरों में कार्य पूर्ण होने की तिथि निकलने के नो माह बाद बिना कार्य पूर्ण हुए बैक डेट में फ़ाइनल बिल बनने का मामला सामने आया है मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग में चार -पाँच माह पूर्व वर्क ऑर्डर की तारीखें निकालने के बाद बाद अब दीपावली पर बैक डेट में बिल बनाने का सिलसिला शुरू हो गया है, ताकि दीपावली की आड़ में भुगतान हो सके ,चमकता राजस्थान ने यह मामला पूर्व में भी उठाया था लेकिन अब तक पेंडिंग वर्क ऑर्डर के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई परिणामस्वरूप वर्क ऑर्डर लेने वाली फर्में अब बिना कार्य किए पेंडिंग कार्यों के बिलों के भुगतान के लिए अब बिल बनाकर पेश कर रहे हैं !
ऐसे अधिकारी विभाग एवं विभाग के मंत्रियों की बदनामी का कारण बनते हैं !
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई वर्क ऑर्डरों में पिछले कई माह से तिथि निकल चुकी, लेकिन अधिकारियों ने तो ठेकेदारों पर पेनल्टी लगायी न ही कार्य वापस लेने का नोटिस जारी किया !
यह समाचार चमकता राजस्थान में पूर्व में भी प्रकाशित किया जा चुका है कि ठेकेदार टेंडर लेकर वर्क आर्डर जारी किए जाने की तिथि के पश्चात निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न करने के पश्चात भी पुरानी तिथियों में बिल बनाकर पैसा उठा लेते हैं, अधिकारियों को चाहिए था की ऐसे ठेकेदारों की पहचान कर इस पर विराम लगाया जाए !
ऐसे कार्यों को सूचीबद्ध कर संबंधित ठेकेदार को फाइनल नोटिस जारी किया जाता !
यदि इस नोटिस पर भी ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया तो वर्क ऑर्डर निरस्त किया जाता !
साथ ही इनको ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जाती!
इसके साथ ही ठेका शर्तों का उल्लंघन करने पर अमानत और अंतर की राशि को सीज करने का आदेश दिया जाता !
साथ ही जिन ठेकेदारों ने वर्कऑर्डर मिलने के बाद फिजिकली काम शुरू नहीं किया उनका वर्क ऑर्डर रद्द किया जाता !
लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब ठेकेदार पुरानी तारीख़ों में बिल पेश कर भुगतान उठाने की तैयारी कर रहे हैं इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की आवश्यकता है !
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