श्रावण माह में रहेंगे छह खास योग, 23 घंटे रहेगा श्रवण नक्षत्र

By Desk
On
  श्रावण माह में रहेंगे छह खास योग, 23 घंटे रहेगा श्रवण नक्षत्र

जयपुर । 22 जुलाई को श्रवण नक्षत्र में प्रीति योग के संयोग में मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में श्रावण मास का आरंभ होगा। इस बार श्रावण मास में दो तिथियां का क्षय होगा, इसके कारण यह माह 29 दिनों का रहेगा। श्रावण की शुरुआत सोमवार से होगी और श्रावण का समापन भी सोमवार को होगा इस माह में कुल पांच सोमवार आएंगे। श्रावण महिने में खास छह योग भी आ रहे है।

पंडित ज्योतिषाचार्य शैलेश शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास का आरंभ श्रवण नक्षत्र में हो रहा है। श्रवण नक्षत्र का परिभ्रमण काल इस दिन तकरीबन 23 घंटे का रहेगा। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्र के नाम से महीनों के नाम तय किए गए है। इस दृष्टि से श्रवण नक्षत्र में श्रावण का आरंभ शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। यह नक्षत्र कार्य की सिद्धि के लिए उपयुक्त बताया गया है। श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व है। सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए माना गया है और भगवान शिव का विशेष दिन सोमवार बताया गया है। श्रावण में सोमवार या सोमवार से श्रवण की शुरुआत पूरे माह पर्यंत भगवान शिव की आराधना का संकल्प के आधार पर अनुष्ठानात्मक या अभिषेकात्मक पूजन से भगवान शिव को प्रसन्न करने का माना गया है। श्रवण नक्षत्र में सावन का आरंभ श्रवण नक्षत्र में सोमवार का दिन विशेष रूप से फल देने वाला बताया जाता है। श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोरथ सिद्ध होते है। इस महिने के दौरान शिव कथा लीला अमृत का पारायण, शिव महापुराण का पारायण, शिव स्तोत्र, शिव कवच का पाठ कर महामृत्युंजय की साधना आराधना करने से मन बुद्धि शरीर का रोग दोष समाप्त होता है। उत्तम स्वास्थ्य उत्तम दीर्घायु की प्राप्ति होती है। श्रावण महीने में पंचोपचार या षोडशोपचार से भगवान शिव की पूजन, शिवलिंग का नित्य अभिषेक अथवा सामान्य जल से भी भगवान शिव का अभिषेक करने से पारिवारिक सुख शांति के साथ-साथ घर परिवार में वायव्य दोष की भी निवृत्ति होती है।

Read More हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत अली उर्फ गुड्डू के अवैध कब्जे पर चला पीला पंजा

-इस माह रहेंगे खास योग-संयोग

Read More  हर दिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं भादवा मेले में, जीवित घोड़े भी चढ़ाते हैं भक्त

इस बार श्रावण मास में पांच सर्वार्थ सिद्धि योग, एक अमृत सिद्धि योग और रवि पुष्य का विशेष संयोग रहेगा। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योग संयोग का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन योगों में भगवान शिव की विशेष आराधना कार्य की सिद्धि के साथ-साथ मनोवांछित फल प्रदान करती है। यही नहीं इन योगों के दौरान विशेष कार्य भी साधे जा सकते हैं।

Read More भाजपा राज में भी कांग्रेस राज की तरह आधी रात को निकली IAS की तबादला लिस्ट

होंगे ग्रहों के नक्षत्र परिवर्तन

ज्योतिषाचार्य शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास में ग्रहों के नक्षत्र परिवर्तन भी होंगे। मंगल ग्रह व गुरू रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शुक्र मघा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Latest News

जयपुर आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां की विरासत के संरक्षण के साथ हो विकास कार्य : उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जयपुर आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां की विरासत के संरक्षण के साथ हो विकास कार्य : उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में जयपुर में आने वाले पर्यटकों के प्रवास को और अधिक खुशनुमा और सुविधा पूर्ण...
ganpati seated in the pandal of maharaja of delhi picture /दिल्ली के महाराजा' के पंडाल में विराजमान हुए गणपति
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की चीनी मिलों में हो रहा बड़ा सुधार
डेक्कन चार्जर्स की टीम में साथ खेलने के दौरान देखा कि रोहित कुछ खास हैं: स्टाइरिस
कोई अपराधी पुलिस पर गोली चलाएगा तो पुलिस क्या पुष्प वर्षा करेगी : ओपी राजभर
गणेश चतुर्थी के दिन महंगा हुआ सोना, चांदी की भी बढ़ी चमक
दुनिया में भारत की सशक्त पहचान में उप्र की गुणात्मक भागीदारी : उपराष्ट्रपति