7 करोड़ की लागत से बने फूड कोर्ट पर चला बुलडोजर

अजमेर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 7 करोड़ की लागत से बना फूड कोर्ट हटाने की कार्रवाई तेज हो गई है। प्रशासन ने पहले इसके कुछ हिस्से को तोड़ा था, लेकिन अब इसे पूरी तरह से ध्वस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
17 मार्च को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 7 अप्रैल तक इस अवैध निर्माण को हटाकर रिपोर्ट पेश की जाए। प्रशासन ने आदेश का पालन करते हुए दोपहर चार बजे से फूड कोर्ट को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान वहां लगे पौधों और पेड़ों को सुरक्षित निकालने का भी प्रयास किया गया।
यह फूड कोर्ट आनासागर झील और उसके आसपास के वेटलैंड क्षेत्र में बना था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया। नगर निगम की टीम ने इस क्षेत्र में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई शुरू की।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत प्रशासन ने तबीजी और हाथीखेड़ा में वेटलैंड विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें तबीजी गांव के पास 9.50 हैक्टेयर, गैस बॉटलिंग प्लांट के पास 10.50 हैक्टेयर और हाथीखेड़ा के पास 0.75 हैक्टेयर भूमि शामिल है।
याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्राकृतिक वेटलैंड का स्थानांतरण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत अर्थ निकालते हुए अवैध निर्माणों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, सेवन वंडर्स पार्क को भी छह महीने में हटाया जाएगा। हालांकि, इसे कहां स्थानांतरित किया जाएगा, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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